पतंजलि योग सूत्र क्विज 2 - Yogaducation

पतंजलि योग सूत्र क्विज 2

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पतंजलि योग सूत्र क्विज 2

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निरंतर काल से सृष्टि में 'ईश्वर' विद्यमान है।

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गुरुओं के भी गुरु किसे कहा गया है?

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'निरतिशय' शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?

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'निरतिशय' शब्द का अर्थ क्या है?

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कर्म के विपाक प्राप्त करके उसे भोगने पर जो वासनाएं उत्पन्न होती हैं, वह क्या कहलाती है?

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योग दर्शन के अनुसार योग को किन भागों में बांटा गया है?

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विपाक का अर्थ क्या है?

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कर्म कितने प्रकार के हैं?

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अविद्या का अर्थ क्या है?

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अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष और अभिनिवेश किसके प्रकार बताए गए हैं?

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क्या पूर्व जन्म के संस्कार समाधि प्राप्त करने की गति को प्रभावित कर सकते हैं?

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क्या साधक के वर्तमान के प्रशिक्षण का वातावरण और संगति साधना की गति को प्रभावित कर सकती है?

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साधक को उच्च दर्जे व शीघ्र गति से साधना प्राप्त करने के लिए श्रद्धा, विवेकशक्ति और भाव आदि चीता की अधिकता रखनी चाहिए ।

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क्या साधक अन्य उपायों के साथ-साथ अपने आपको ईश्वर के अधीन समझकर स्वयं को ईश्वर को समर्पित करके भी शीघ्र समाधि प्राप्त कर सकता है ?

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सांख्य दर्शन के रचयिता कौन है?

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कैवल्यपाद में कितने सूत्र हैं?

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