पतंजलि योग सूत्र क्विज 3 Leave a Comment / Quiz / By Yogaducation Share with your friends 109 Created on July 24, 2021 पतंजलि योग सूत्र क्विज 3 1 / 15 ईश्वर का वाचक (नाम) क्या है? भगवान ईश्वर प्रणव - ओंकार 2 / 15 पतंजलि योग सूत्र के अनुसार महर्षि पतंजलि जी ने हमें बार-बार क्या जपने को कहा है? ईश्वर का नाम - प्रणव अपने कर्म 3 / 15 ईश्वर भजन स्मरण से अपने आप विघ्न समाप्त हो जाते है ? सत्य असत्य 4 / 15 ईश्वर प्रणिधान से साधक को क्या मिलता है ? स्वयं का ज्ञान योग मार्ग में आने वाली बाधाओं से मुक्ति उपरोक्त दोनों 5 / 15 साधक ईश्वर भजन से विघ्नों का नाश करके तथा अंतरात्मा के स्वरूप का ज्ञान करके "कैवल्य अवस्था" को प्राप्त कर सकता है? नहीं हां 6 / 15 ऋतंभरा प्रज्ञा का अर्थ क्या है? विचारों पर नियंत्रण ना होना भौतिक जीवन में व्यस्त रहना भौतिक व आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होना 7 / 15 प्रत्यकचेतना का अर्थ क्या है? आत्मा की चेतना जब विषयों से हटकर अर्थात बहिर्गामी होना आत्मा की चेतना जब विषयों से हटकर अर्थात अंतर्मुखी होना 8 / 15 योग में अंतराय शब्द का अर्थ क्या है? विघ्न या रुकावट निरंतर बढ़ते रहना 9 / 15 योग के मूल विघ्न कितने हैं ? 4 6 9 10 / 15 सत्यान शब्द से आप क्या समझते हैं ? सत्य ना बोलना सदा संशय रखना योग के मार्ग में मन न लगना 11 / 15 प्रमाद शब्द का अर्थ क्या है ? आलस्य करना रोग का लग जाना योग करने की इच्छा ना होना 12 / 15 संशय का अर्थ क्या है ? रोग उत्पन्न होना फल की प्राप्ति होगी या नहीं सोचकर योग मार्ग से भटकना आलस्य करना 13 / 15 तमोगुण की अधिकता से चित्त और शरीर में भारीपन हो जाने को क्या कहते हैं ? अहंकार आलस्य करना 14 / 15 अलब्ध-भूमिकत्व का अर्थ क्या है? मन से योग साधना ना करना बहुत प्रयास के बाद भी समाधि प्राप्त ना होना 15 / 15 महर्षि पतंजलि जी के अनुसार अनवस्थितत्व क्या है ? योग की अंतिम अवस्था प्राप्त करना योग की उच्च अवस्था पाकर भी चित्त का ठहरना इनमें से कोई नहीं Your score is The average score is 72% LinkedIn Facebook Twitter VKontakte 0% Restart quiz Share with your friends