बौद्ध दर्शन भारतीय दर्शनों में से एक नास्तिक दर्शन है जो वेदों की प्रमाणिकता को नहीं मानता है बौद्ध दर्शन के रचयिता महात्मा बुद्ध हैं।
सिद्धार्थ हमेशा अपने राज महल में ही रहे उनको उनके पिताजी ने बाहर की दुनिया में नहीं जाने दिया वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा राजपाट छोड़कर बौद्ध बन जाए वह चाहते थे कि उनके बाद उनका राज पाठ उनका उत्तराधिकारी सिद्धार्थ ही संभाले परंतु सिद्धार्थ बचपन से ही बड़े जिज्ञासु थे उन्होंने सभी और दुख और दुख ही देखा
महात्मा बुद्ध ने चार आर्य सत्य ओं का वर्णन किया है
1. दुख
2. दुख समुदाय
3. दुख निरोध
4. दुख निरोध का मार्ग
दुख निरोध के मार्ग में उन्होंने आठ अंगों का वर्णन किया है जो है
सम्यक दृष्टि
सम्यक संकल्प
सम्यक वाक
सम्यक कर्माण
सम्यक आजीविका
सम्यक व्यायाम
सम्यक् स्मृति
सम्यक समाधि